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आज का योग: सूर्यनमस्कार योग के ये हैं बेहद जबरदस्त लाभ

योग एक ऐसा उपाय है जो हमें शरीर, मन और आत्मा के साथ संतुलित रखता है। योग के विभिन्न विधियों में से एक विधि है सूर्य नमस्कार जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बेहद फायदेमंद है। इस लेख में हम सूर्य नमस्कार के बारे में विस्तार से जानेंगे और एक संपूर्ण यूट्यूब वीडियो स्क्रिप्ट लिखेंगे जो आपको सूर्य नमस्कार के लाभों और इसे करने के तरीकों के बारे में बताएगा।

सूर्य नमस्कार क्या है? सूर्य नमस्कार एक ऐसी योग विधि है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखती है। इस योग विधि में आठ आसन होते हैं जो शरीर के विभिन्न हिस्सों को संतुलित करते हैं। सूर्य नमस्कार के इन आठ आसनों का नाम है समस्ती, हस्तपादासन, आश्वसां, दण्डासन, आष्टांग नमस्कार, उर्ध्व मुख श्वानासन, अधो मुख श्वानासन और त्रिकोणासन। सूर्य नमस्कार योग को सुबह सूर्य उदय होते ही किया जाता है।

सूर्य नमस्कार के लाभ:

  1. शारीरिक लाभ: सूर्य नमस्कार योग शारीरिक लाभ देता है। इसके लिए इसे नियमित रूप से करना जरूरी होता है। इसके लाभों में शामिल हैं:
  2. शरीर के सभी अंगों की मांसपेशियों को संचालित करना
  3. पेट, अंगूठे, पैर और हाथों की मांसपेशियों को मजबूत करना
  4. संवेदनशीलता को कम करना और थकान को दूर करना
  5. श्वसन तंत्र को मजबूत करना
  6. शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाना
  7. स्पाइन को संतुलित करना
  8. शरीर की क्षमता को बढ़ाना
  9. मानसिक लाभ: सूर्य नमस्कार योग करने से मानसिक लाभ भी होता है। इसके लाभों में शामिल हैं:
  • स्त्रेस और चिंता को कम करना
  • तनाव को कम करना
  • मन को शांत और स्थिर करना
  • आत्मविश्वास बढ़ाना
  • ध्यान को बढ़ाना
  • दृष्टि को सुधारना

1. वजन घटाने में मददगार: सूर्य नमस्कार योग वजन घटाने में भी मददगार होता है। यह शरीर की मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

सूर्य नमस्कार के तरीके:

सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योगासन है जो सूर्य को पूजन करने और उससे शक्ति प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसे सुबह उठकर करना शरीर, मन और आत्मा के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

सूर्य नमस्कार के लिए निम्नलिखित तरीके होते हैं:

1. प्रणामासन (Pranamasana) - स्थिति: सीधे खड़े हो जाएँ। पैरों को एक साथ रखें। अपने हाथों को छाती के सामने जोड़ें और ध्यान रखते हुए अपने आप से नमस्कार करें।

2. हस्त उत्थानासन (Hasta Uttanasana) - स्थिति: उँगलियों को जोड़ें और हाथों को ऊपर उठाएं। अपने सिर को बाएँ और पीठ को आगे करें।

3. पाद हस्तासन (Padahastasana) - स्थिति: हाथों को नीचे रखें और अपने पैरों को जमीन तक छुएं। अपने शरीर को धीरे से आगे करें ताकि आपके सिर का भार आपके पैरों पर पड़े।

4. आश्वासन (Ashwa Sanchalanasana) - स्थिति: अपने बाएँ पैर को आगे ले जाएं और अपने दाहिने घुटने को झुकाएं। आपके बाएं पैर का टोकना आपके बाएं घुटने के पास होना चाहिए।

5. पर्वतासन (Parvatasana) - स्थिति: अपने शरीर को ऊपर की ओर उठाएं और अपने हाथों को सीधे रखें। अपने शरीर के समतल होंठों के साथ अपने कंधों को मोड़ें।

6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara) - स्थिति: अपने घुटनों को झुकाएं, अपने छाती को जमीन पर रखें और अपने हाथों को आगे बढ़ाएं। अपने सिर को नीचे रखें और अपने पैरों को पीछे ले जाएं।

7. भुजंगासन (Bhujangasana) - स्थिति: अपने सिर को ऊपर उठाएं और अपने हाथों को धरती से दबाएं। अपने शरीर को ऊपर की ओर ढीला करें।

8. पर्वतासन (Parvatasana) - स्थिति: अपने शरीर को ऊपर की ओर उठाएं और अपने हाथों को सीधे रखें। अपने शरीर के समतल होंठों के साथ अपने कंधों को मोड़ें।

9. आश्वासन (Ashwa Sanchalanasana) - स्थिति: अपने दाहिने पैर को आगे ले जाएं और अपने बाएं घुटने को झुकाएं। आपके दाहिने पैर का टोकना आपके दाहिने घुटने के पास होना चाहिए।

10. पाद हस्तासन (Padahastasana) - स्थिति: हाथों को नीचे रखें और अपने पैरों को जमीन तक छालें। अपने पैरों को जमीन से छुआ नहीं जाने दें। अपने सिर को नीचे करें और श्वास लें।

11. हस्त पादांगुष्ठासन (Hasta Padasana) - स्थिति: अपने शरीर को आगे करें और अपने नाभि के पास अपने हाथों को रखें। धीरे से अपने पैरों को आगे ले जाएं और अपने हाथों को अपने पैरों के अंगुलियों के साथ मिलाएं।

12. हस्त उत्तानासन (Hasta Uttanasana) - स्थिति: अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और अपने शरीर को समतल होंठों के साथ खींचें। अपने शरीर को ऊपर की ओर ढीला करें और श्वास लें।

Q: आज का योग क्या है?

A: आज का योग है - सूर्यनमस्कार योग।

Q: सूर्यनमस्कार योग क्या होता है?

A: सूर्यनमस्कार योग एक प्राचीन योग प्रक्रिया है, जो सूर्य की पूजा के लिए की जाती है। इस योग में कई आसन होते हैं, जो सभी शारीरिक क्रियाओं को सम्मिलित करते हैं।

Q: सूर्यनमस्कार योग करने से क्या फायदे होते हैं?

A: सूर्यनमस्कार योग करने से शरीर की गतिशीलता बढ़ती है और मस्तिष्क को ताजगी मिलती है। इसके अलावा इससे श्वास तंत्र ठीक रहता है और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं को भी कम किया जा सकता है। सूर्यनमस्कार योग करने से शरीर में ऊर्जा की क्रिया बढ़ती है जो शरीर को ताजगी देती है और उसे सक्रिय रखती है।

Q: सूर्यनमस्कार योग कैसे किया जाता है?

A: सूर्यनमस्कार योग को अष्टांग योग का एक अंग माना जाता है। इसके लिए सबसे पहले एकाग्रता और ध्यान की अवस्था में जाना होता है। फिर आठ असनों को एक से एक बाद में किया जाता है। इसमें से हर एक असन को सही ढंग से करने के लिए संयम, स्थिरता और सहजता से काम करना होता है।

Q: सूर्यनमस्कार योग कितनी देर तक किया जा सकता है?

A: सूर्यनमस्कार योग को 15 से 30 मिनट तक किया जा सकता है। लेकिन अगर आप इसे नये हैं तो शुरूआत में 5 से 10 मिनट करना उचित होता है।

Q: सूर्यनमस्कार योग किस समय किया जाना चाहिए?

A: सूर्यनमस्कार योग सबसे अधिक फायदेमंद सूर्योदय समय में किया जाना चाहिए। यदि आप सूर्योदय समय में इसे नहीं कर सकते हैं तो इसे संध्या समय में भी किया जा सकता है।

Q: सूर्यनमस्कार योग किसे करना चाहिए और किसे नहीं?

A: सूर्यनमस्कार योग किसी भी उम्र के व्यक्ति को करने के लिए सुरक्षित है। हालांकि, लोगों को जोड़ों या कमर में दर्द होने पर या गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे इसे करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

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